प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओ के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है।  ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान संबंध बनाना सही होगा या गलत? अगर सही है टी प्रेगनैंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए?

बहुत  से लोगो प्रेगनेंसी के दौरान संबंध बनाने से डरते क्योकि उन्हें लगता है के यह गलत होगा या भीर इस से उनके होने वाले बच्चे पर कोई असर पड़ेगा लेकिन इसमें डरने की कोई बात नहीं हैं।  हलाकि प्रेगनेंसी में संबंध बनाते वक्त आपको कुछ सावधानिया अवश्य रखनी चाहिए।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान संभंध बनाना सुरक्षित है?

बहुत से कपल के मन में यह सवाल होता हैं की क्या प्रेगनेंसी में संबंध बनाना सुरक्षित होगा? तो इसका जवाब है हाँ प्रेगनेंसी में संबंध बनाना सुरक्षित मन जाता हैं।  डॉक्टर्स के अनुसार अगर आपकी प्रेगनेंसी नार्मल है, इसमें किसी तरह की कोई परेशानी या जटिलता नहीं है तो आप गर्भावस्था के दौरान सेक्स कर सकती हैं। इसमें किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशानी वाली बात नहीं है।

Lybrate पर प्रकाशित हुए एक लेख में दिल्ही की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा कहती है की प्रेगनेंसी में शारीरिक संबंध बनाने के लिए दूसरी तिमाही  सबसे सुरक्षित हैं। हलाकि महिलाओं को गर्भपात या दर्द का डर रहता है। अगर मन में ऐसे डर हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। यदि कोई खतरा है तो डॉक्टर चेक करने के बाद जरूरी सलाह दे देंगी।

health shot में प्रकाशित हुए एक लेख में डॉ. अंजलि कुमारी के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान सेक्स का एक लाभ यह भी होता है कि मांसपेशियां प्रसव के लिए मजबूत हो जाती हैं। इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

प्रेगनेंसी में सेक्स के दौरान भ्रूण को नुकसान नहीं पहुंचता है, क्योंकि सेक्स में उपयोग आने वाले अंग अलग हैं। इस प्रक्रिया का भ्रूण से कोई संबंध नहीं होता है। शिशु के आसपास एमनियोटिक द्रव का घेरा होता है जो भ्रूण को सुरक्षित रखता है। वह गर्भाशय में एमनियोटिक थैली से लिपटा होता है। सेक्स के दौरान पेनेट्रेशन योनि में होता है और इससे गर्भाशय पर कोई प्रभाव नहीं होता है.

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित शारीरिक संबंधों का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यदि इस वक़्त STD यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (सेक्स के कारण होने वाली बीमारी) होती है, तो यह मुश्किल पैदा कर सकती है। इसलिए, कंडोम का प्रयोग करें और अंगों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए?

डॉक्टर्स के मुताबित प्रेगनेंसी में किसी भी स्टेज पर शारीरिक संबंध  बनाने में कोई खतरा नहीं होता हैं।  हलाकि सावधानी के लिए प्रेगनकी के शरुआती ३ महीने के बाद सातवे महीने तक संबंध  बनाना सुरक्षित होता है।

बस डॉक्टर्स बताई गयी कुछ बातो का पालन करके आप सेक्स कर सकते हैं जिससे की बच्चे को भी कोई नुकसान ना हो। डॉक्टर्स यह भी कहते है की प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओ को संबंध  बनाने की बहोत ज्यादा होती है।

इसका एक कारन है प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हॉर्मोन्स में बदलाव। गर्भावस्था में महिलाओ के शरीर में रक्त का प्रवाह तेजी से होता है परिणाम स्वरुप वह अतिसंवेदनशील हो जाती हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओ के स्तन भी बहोत संवेदनशील हो जाते है जिससे की महिलाओ के लिए प्रेगनेंसी में संबंध  बनाना सुखद हो जाता हैं। 

प्रेगनेंसी में कब शारीरिक संबंध  नहीं बनाना चाहिए?

  • यदि योनि से ब्लीडिंग हो रही है, तो सेक्स बिल्कुल न करें। इससे परेशानी बढ़ सकती है।
  • इसी प्रकार यदि भ्रूण में शिशु को कवर करने वाला तरल पदार्थ लीक कर रहा है, तो बेहतर होगा कि सेक्स करने से बचें।
  • यदि गर्भाशय ग्रीवा कमजोर है, तो सेक्स का बुरा प्रभाव बच्चे पर पड़ सकता है। सेक्स करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • अगर इससे पहले गर्भपात हुआ है, तो भी डॉक्टर की सलाह के बिना प्रेगनेंसी में सेक्स नहीं करना चाहिए।

सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि पार्टनर से जरूर बात करें। जीवन के इस मोड़ पर भी पार्टनर के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान सेक्स करना ही है। बस पार्टनर एक-दूसरे को समझें, उनकी जरूरत और स्थिति को समझने की कोशिश करें। आत्मीयता बनाए रखने के लिए सेक्स एक मात्र तरीका नहीं है। कपल एक-दूसरे को किस कर सकते हैं, एक-दूसरे को कडल कर सकते हैं। साथ में अच्छा वक़्त गुजार सकते हैं।

आखिरी के तीन महीनों में संबंध बनाना खतरनाक

कपल को प्रेगनेंसी के अंतिम तीन महीनों में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस दौरान गर्भवती को ऑर्गेज्म होने से गर्भाशय में हल्का सिकुड़ना शुरू हो सकता है।

इसके साथ ही जब पानी टूटता है तो संभोग न करें क्योंकि इससे शिशु को संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।

प्रेग्नेंसी में संबंध कैसे बनाये?

प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करने का कौन सा तरीका सुरक्षित रहता है जिससे महिला और बच्चे दोनों को कोई नुकसान नहीं होता। जानिये प्रेग्नेंसी में सेक्स कैसे करे।

स्पूनिंग पोजीशन – यह पोजीशन तीनों तिमाहियों के लिए सुरक्षित होती है इससे पेट पर कम दबाव पड़ता है यह आरामदायक पोजीशन है।

वीमेन ऑन टॉप – यह सबसे अच्छी पोजीशन मानी जाती है क्योंकि इस पोजीशन में महिला के पेट पर जरा सा भी दबाव नहीं पड़ता है। पेट बढ़ा हुआ होता है इस कारण उकडू होकर ना बैठे। आप घुटने टेककर ऊपर आने की कोशिश करे। पेट के वजन को आगे की और ना झुकाये बल्कि आप पीछे की ओर रहे।

स्टैंडिंग – अगर आपका साथी आपको कमर पर चारों ओर से पकड़ पा रहा है तो यह स्थिति काम आ सकती है। गर्भवती को इसके लिए जमीन पर ही खड़े होना चाहिए किसी भी कुर्सी या सीढ़ी पर खड़े ना हो।

सिटींग डाउन स्टाइल – महिला इस पोजीशन में पुरुष की गोद में बैठ सकती है जिससे उसे आरामदायक लगता है। ४ से ५ महीने तक ही यह पोजीशन का इस्तेमाल करे क्योंकि फिर गर्भवती के पेट का आकार बढ़ता है तो मुश्किल हो सकती है।

डॉगी स्टाइल – यह पोजीशन इसलिए अच्छी है क्योंकि इसमें महिला के पेट पर दबाव नहीं पड़ता। पेट पर दबाव ना डालते हुए यह पोजीशन भी ट्राई कर सकते है।

संबंध बनाते समय रखें इस बात का ध्यान

यदि आपकी प्रेगनेंसी में कोई प्रॉब्लम नहीं है, तो आप बिना डरे अपने पार्टनर के साथ रोमांस कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान उन पोजीशन को करने से बचें, जिससे गर्भ पर भार पड़ सकता है। साथ ही उन तरीकों को अपनाएं जिसमें पेनिट्रेशन की जरूरत नहीं होती है।

प्रेगनेंसी के दौरान किस सेक्स पोजीशन से बचना चाहिए?

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के दौरान सभी सेक्स पोजीशन सुरक्षित होते हैं क्योंकि इस समय तक गर्भ में पल रहे शिशु का ज्यादा विकास नहीं हुआ होता है।

लेकिन इस दौरान आपको गति के साथ सेक्स करने से बचना चाहिए। प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान आपको मिशनरी पोजीशन से बचना चाहिए क्योंकि इस पोजीशन के दौरान आप पीठ के बल लेटती हैं और पुरुष आपके ऊपर होता है।

इस पोजीशन में सेक्स करने से गर्भाशय पर दबाव पड़ता है जिसके कारण आपके सामने समस्याएं पैदा हो सकती हैं। प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही बहुत खास और नाज़ुक होती है क्योंकि इस दौरान आपके शिशु का विकास अच्छा खासा हो जाता है।

इस समय आपको मिशनरी या उन सभी पोजीशन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए जिसमें पीठ के बल लेटना होता है। बाकि किसी भी चीज को लेकर कोई संदेह हो तो स्त्री-रोग विशेषज्ञ से मिलकर इस बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए।    

प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर के संपर्क में रहना आवश्यक क्यों है

प्रेगनेंसी एक बहुत ही खास और खूबसूरत पल है। यह नौ महीने कि एक प्रक्रिया है जिसके दौरान आपको लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। अपने खान पान और लाइफस्टाइल पर खास ध्यान देने के बाद भी आप कई तरह कि परेशानियों का सामना कर सकती हैं वो भी खासकर तब जब आप प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करती हैं।

जहां एक तरफ प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करने से आपको ढेरों फायदे होते हैं। वहीं दूसरी थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर आपको इससे काफी नुकसान भी हो सकता है।

प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करने आपको अधिक ब्लीडिंग हो सकती है, आपकी योनि या यूरिन में इंफेक्शन कि समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, गलत तरीके से सेक्स करने पर आपको गर्भपात यानी कि मिसकैरिज भी हो सकता है।

प्रेगनेंसी के दौरान आप अपने शरीर में प्रेगनेंसी के ढेरों लक्षणों को महसूस करती हैं। लेकिन बहुत से ऐसे लक्षण हैं जो प्रेगनेंसी और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं में कॉमन होती हैं। इनके कॉमन होने के कारण आप इन्हे प्रेगनेंसी का लक्षण समझकर नजरअंदाज कर देती हैं जिस कारण बाद में आपको जटिलताएं पैदा होती हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान अगर आपके शरीर या गर्भ में पल रहे शिशु से संबंधित किसी तरह कि कोई परेशानी हो तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। वे आपकी परेशानी कि रोकथाम कर देंगे जिससे आप और आपकी प्रेगनेंसी दोनों स्वस्थ रहेंगी।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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