काली मिर्च को ‘मसालों का राजा’ के रूप में जाना जाता है और काली मिर्च के सेवन का एक प्रमुख फ़ायदा यह है कि यह वज़न कम करने में मदद करती है। यह पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है और शरीर को डिटॉक्सीफाई करके कैंसर से बचाती है। जब इस मसाले को भोजन में मिलाया जाता है, तो यह आपके भोजन का स्वाद बेहतर कर देती है और इसे मसालेदार बना देती है।
अगर आप एक फ़िटनेस प्रेमी हैं और जल्दी वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको अपने रोज़ के खाने में काली मिर्च लेना चाहिए। साथ ही नींबू के रस और बाजरा (रागी) को भी खाना मत भूलिए। ये सभी खाद्य पदार्थ आपको तेजी से वज़न कम करने में मदद कर सकते हैं और काली मिर्च आपकी आंतों और पेट को साफ़ करती है।
काली मिर्च सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। यह सर्दी और फ्लू से भी राहत दिलाने में मदद करती है। अगर आपको अपच की समस्या हैं, तो आप काली मिर्च की मदद ले सकते हैं क्योंकि यह पाचन को स्वस्थ रखती है।
काली मिर्च के फायदे
- यह किसी भी तरह के कैंसर से बचाती है
- यह पाचन के लिए अच्छी होती है
- यह कब्ज़ को दूर रखती है
- यह त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करती है
- यह आपके बालों के लिए अच्छी होती है
- यह आपके वज़न को घटाने में सहायक होती है
- यह आपके डिप्रेशन को दूर करती है
- यह श्वसन रोगों के उपचार में सहायक होती है
- यह जोड़ों के दर्द को कम करती है
- आपके शरीर को डिटॉक्स करती है
- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं
- यह आपके मस्तिष्क के लिए अच्छी होती है
- आपके ब्लड शुगर में सुधार करती है
- कोलेस्ट्रॉल के विरुद्ध असरदार हो सकती है
1. यह किसी भी तरह के कैंसर से बचाती है
काली मिर्च को हल्दी के साथ मिलाकर खाने से कैंसर से बचाव होता है। हल्दी और काली मिर्च मिलाकर इसे दूध के साथ लिया जा सकता है। यह पेय आमतौर पर तेज़ ज़ुकाम से पीड़ित व्यक्तियों को दिया जाता है। कहा जाता है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन A और कैरोटीनॉइड पाए जाते हैं जो कैंसर और अन्य घातक बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसे अपने रोज़ के खाने में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से फ़िट रहने का सबसे अच्छा तरीका है।
2. यह पाचन के लिए अच्छी होती है
काली मिर्च पाचन को अच्छा करने में मदद करती है और जब इसे कच्चा खाया जाता है, तो पेट से हाइड्रोक्लोरिक एसिड निकलता है, जोकि प्रोटीन को तोड़ने में सहायता करता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड आपकी आंतों को साफ़ करने में मदद करता है और आपको अन्य गैस्ट्रोइन्टेस्टनल रोगों से बचाता है। इसलिए अपने सभी खाने में चुटकी भर काली मिर्च डालना न भूलें।
3. यह कब्ज़ को दूर रखती है
अगर आपको हफ़्ते में तीन बार से कम मल होता है, तो आप हो सकता है कि आप कब्ज से पीड़ित हों। हालांकि, रोजाना अपने खाने में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। कभी-कभी जब आप कब्ज से पीड़ित होते हैं, तो आप मल त्याग करने के लिए जोर लगाते हैं या कभी-कभी आपको मल त्यागने के बाद भी पेट खाली महसूस नहीं होता है।
4. यह त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करती है
कहा जाता है कि ‘मसालों का राजा’ काली मिर्च त्वचा की रंजकता (पिगमेंटेशन) (विटिलिगो) को रोकती है। इस रोग में आपकी त्वचा सफ़ेद दिखाई देने लगती है और इसे सफ़ेद धब्बे भी कहा जाता है। हालांकि आपकी त्वचा के रंग को दोबारा से सही करने के लिए बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन काली मिर्च आपकी त्वचा को किसी भी प्रकार के त्वचा रंजकता (पिगमेंटेशन) से बचाती है और आपकी त्वचा के वास्तविक रंग को बनाए रखने में सहायता करती है। छोटी उम्र से ही काली मिर्च का सेवन करने से झुर्रियां और त्वचा संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यह समय से पहले बूढ़ा होने और काले धब्बों को आने से भी रोकता है।
5. यह आपके बालों के लिए अच्छी होती है
डैंड्रफ का उपचार करने के लिए भी काली मिर्च को अच्छा बताया गया है। आपको बस इतना करना है कि थोड़े से दही के साथ कुछ कुचली हुई काली मिर्च मिलाएं और इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं तथा इसे कम से कम 30 मिनट तक सूखने दें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि आप किसी अन्य तरह से काली मिर्च का उपयोग न करें क्योंकि इससे आपका सर जल सकता है। सुनिश्चित करें कि आप अपने बालों में काली मिर्च लगाने के बाद अगले 24 घंटों तक शैम्पू का उपयोग न करें क्योंकि इससे साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। आप पिसी हुई काली मिर्च में निम्बू भी मिला सकते हैं और इसे अपने स्कैल्प पर लगा कर 30 मिनट बाद धो सकते हैं। इससे आपके बाल चमकदार और चिकने हो जाएंगे।
6. यह आपके वज़न को घटाने में सहायक होती है
यह करामाती मसाला आपके वज़न को कम करने में आपकी सहायता करता है और इसे ग्रीन टी में मिलाकर दिन में दो से तीन बार भी लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस मसाले में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो अतिरिक्त वसा को तोड़ने में मदद करती है। इससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है। ग्रीन टी और इसमें एक चुटकी काली मिर्च आपको आपके वज़न को कम करने में मदद कर सकती है। इसे आपको अपने रोज़ाना के आहार में शामिल करने की जरूरत है।
7. यह आपके डिप्रेशन को दूर करती है
कहा जाता है कि डिप्रेशन दुनिया भर में अधिकांश लोगों के सामने आने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है और इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हालाँकि, ऐसी दवाएं हैं जो इस मानसिक समस्या को गंभीर (डिवास्टेटिंग) होने से रोक सकती हैं,
इस तथ्य में ऐसा कहा जाता है कि कच्ची काली मिर्च को चबाने से मस्तिष्क में मूड को सही करने वाले रसायन निकलते हैं जो आपके दिमाग को शांत और हर समय शांतिदायक बनाएं रखते हैं। वैसे, इसे अधिक मात्रा में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
8. यह श्वसन रोगों के उपचार में सहायक होती है
कहा जाता है कि सर्दी और खांसी एक सामान्य श्वसन समस्या है जिसे काली मिर्च के सेवन से ठीक किया जा सकता है। बस थोड़ी सी ग्रीन टी में एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं और आपको फर्क नज़र आएगा। इसके अलावा आप एक गिलास दूध और उसमें एक चुटकी काली मिर्च और एक चुटकी हल्दी मिलाकर इसे गर्म ही पी सकते हैं। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
सर्दियों में अपने सभी खाद्य पदार्थों में थोड़ी सी काली मिर्च शामिल करने से आप स्वस्थ रहेंगे और कई बीमारियों से बचेंगे। काली मिर्च को शहद के साथ मिलाकर लेने से भी छाती में जमाव को रोकने में मदद मिल सकती है। थोड़े से गर्म पानी में थोड़े से यूकेलिप्टस तेल के साथ काली मिर्च को मिलाने और उसकी भाप लेने से सीने की जकड़न से छुटकारा पाया जाता है और यह एक सरल उपाय है।
9. यह जोड़ों के दर्द को कम करती है
यदि आप जोड़ों के दर्द या गठिया से पीड़ित हैं तो आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि काली मिर्च में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो इस समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। यह गठिया को रोकने में भी मदद करता है। इसका उपयोग रीढ़ की हड्डी और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए भी किया जाता है। आज, काली मिर्च का उपयोग कई व्यंजनों में वैश्विक मसाले के रूप में किया जाता है। काली मिर्च का सबसे शक्तिशाली असर तब होता है जब सर्दी और खांसी से पीड़ित व्यक्ति इसका सेवन करता है।
10. आपके शरीर को डिटॉक्स करती है
यह मसाला आपको पसीना और पेशाब निकालने में काफ़ी मदद करता है और इससे आप अपने शरीर से मौजूद सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकते हैं। लगातार पसीना आना और पेशाब करना इस बात का अच्छा संकेत है कि आपका शरीर ठीक से काम कर रहा है। आपको यह भी विचार करना चाहिए कि काली मिर्च लेने के बजाय आपको शारीरिक रूप से फैट बर्न की आवश्यकता कैसे है। कुछ लोगों का मानना है कि केवल काली मिर्च का सेवन करने से ही उन्हें वज़न कम करने में मदद मिल सकती है। वैसे, अगर आप रनिंग और जॉगिंग से जुड़े व्यायामों को करने के बजाय केवल इसे खाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप गलत हो सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि यदि आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो ऐसा सिर्फ़ स्वस्थ आहार और व्यायाम से ही संभव हो सकता है। यदि आप इसका पालन करते हैं, तो आप मज़ाक-मज़ाक में ही परिणाम देखेंगे।
11. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं
कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा, और इसी तरह की कई पुरानी या दीर्घकालिक बीमारियों में सूजन एक प्रमुख अंतर्निहित समस्या है। कई अध्ययनों में सुझाव मिलता है कि काली मिर्च में पाया जाने वाला सक्रिय यौगिक पाइपरिन सूजन को कम कर सकता है।
12. यह आपके मस्तिष्क के लिए अच्छी होती है
पिपेरिन ने मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मामले में सिद्ध परिणामों का प्रदर्शन किया है, जैसे कि याद करने की क्षमता। शोधकर्ताओं ने पाया कि मसालों के इस राजा में पार्किंसंस या अल्जाइमर जैसी अपक्षयी बीमारियों में सुधार करने की क्षमता है।
13. आपके ब्लड शुगर में सुधार करती है
डायबिटिक रोगी काली मिर्च को प्रचुर मात्रा में छिड़क कर अपने भोजन का आनंद ले सकते हैं क्योंकि काली मिर्च के स्वास्थ्य फ़ायदे व्यक्ति के ब्लड ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार करने की क्षमता रखते हैं। जब इंसुलिन की संवेदनशीलता की बात आती है तो इस आश्चर्यजनक मसाले का नियमित सेवन सकारात्मक प्रतिक्रिया दर्शाता है। हालाँकि, इस मामले पर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।
14. कोलेस्ट्रॉल के विरुद्ध असरदार हो सकती है
कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर दिल के दौरे के लिए एक चेतावनी का संकेत है। काली मिर्च के लगातार सेवन से यौगिक पाइपरिन की उपस्थिति के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में प्रभावी परिणाम मिले हैं। इसके अलावा, पाइपरिन आहार सप्लीमेंट्स की अवशोषण क्षमता को भी बढ़ा सकता है। जैसे, काली मिर्च हल्दी में में उपस्थित यौगिक करक्यूमिन के अवशोषण को 2,000% तक बढ़ा सकती है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे प्रभावशाली स्वास्थ्य गुण भी होते हैं।