आजकल ग्रीन टी ट्रेंडिंग में है। ग्रीन टी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसके सेवन से मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग में फायदा मिलता है। डॉक्टर भी रोजाना ग्रीन टी पीने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि मिल्क कॉफी भी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है ? मिल्क कॉफी पीने से गजब के फायदे मिलते हैं।
जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में छपी एक शोध में खुलासा हुआ है कि मिल्क कॉफी पीने से शरीर में सूजन कम होती है। मिल्क यानी दूध में एमिनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पॉलीफेनोल्स के गुण पाए जाते हैं। ये आवश्यक पोषक तत्व जॉइंट्स में सूजन से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। जोड़ों में सूजन गठिया समेत अन्य वजहों से होती है। इस सूजन को कम करने में मिल्क कॉफी मददगार साबित होती है। इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिल्क कॉफी पीने से शरीर में एसिडिक पीएच लेवल संतुलित रहता है। इसके सेवन से एसिडिटी और एसिडिटी से होने वाली परेशानियां दूर होती हैं। इसके बदले ब्लैक कॉफी में कैफीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शरीर को ब्लैक कॉफी अब्सॉर्ब करने में कठिनाई होती है। दूध में प्रोटीन, कार्ब्स और फैट्स भी पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए लिए फायदेमंद होते हैं। वहीं, मिल्क कॉफी को दोबारा गर्म कर नहीं पीनी चाहिए। इससे गले में जलन की शिकायत हो सकती है।
दूध वाली कॉफी पीने के फायदे
- शरीर की सूजन होती है कम
- मेटाबॉलिज्म होगा बूस्ट
- हड्डियों को करता है मजबूत
1. शरीर की सूजन होती है कम
ब्लैक कॉफी का Ph लेवल अधिक होती है। ऐसे में दूध वाली कॉफी आपके लिए अधिक फायदेमंद होती है। हालांकि, अगर आप कॉफी पीते हैं, तो इसके साथ अधिक पानी भी पिएं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। रिसर्च में बताया गया है कि दूध में कॉफी मिक्स करके पीने से शरीर की सूजन कम हो सकती है।
2. मेटाबॉलिज्म होगा बूस्ट
दूध वाली कॉफी का सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बेहतर करने में मददगार साबित हो सकता है। मतलब अगर आप नियमित रूप से दूध वाली कॉफी पीते हैं, तो इससे काफी हद तक डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
3. हड्डियों को करता है मजबूत
दूध में प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है। इसके अलावा दूध में अमीनो एसिड होता है। इससे शरीर में आवश्यक अमीनो एसिड की कमी को दूर किया जा सकता है। यह हड्डियों की मजबूती को बढ़ावा दे सकता है।