तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मनुष्य जाति के लिए दूसरी कोई नहीं है। तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियां मिलती हैं। जिनमें श्वेत व कृष्ण प्रमुख हैं। इन्हें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है।
तुलसी में मौजूद फाइटोकेमिकल्स में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इस तरह, वे हमें स्किन, लिवर, मुंह और फेफड़ों के कैंसर से बचाने में मदद करते हैं। तुलसी स्किन के दाग-धब्बों और मुंहासों को दूर करने में मदद करती है। यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है और यह समय से पहले बूढ़ा होने से रोकने में मदद करती है।
औषधीय उपयोग की दृष्टि से तुलसी की पत्तियां ज्यादा गुणकारी मानी जाती हैं। इन पत्तियों को आप सीधे पौधे से तोड़कर खा सकते हैं। तुलसी के पत्तों की तरह तुलसी के बीज के फायदे भी अनगिनत होते हैं। कई आयुर्वेदिक चिकित्सक तुलसी के बीज और पत्तियों के चूर्ण का सेवन करने की सलाह देते हैं। इन पत्तियों में कफ-वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं।
तुलसी के फायदे
- दिमाग के लिए फायदेमंद हैं तुलसी की पत्तियां
- सिर दर्द से आराम दिलाती है तुलसी
- सिर के जूँ और लीख से छुटकारा
- रतौंधी में लाभकारी है तुलसी का रस
- साइनसाइटिस या पीनसरोग में लाभदायक
- कान के दर्द और सूजन में लाभदायक
- दांत दर्द से आराम
- गले से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद
- खांसी से आराम
- सूखी खांसी और दमा से आराम
- डायरिया और पेट की मरोड़ से आराम
- अपच से आराम दिलाती है तुलसी
- मूत्र में जलन से आराम
- पीलिया में लाभदायक है तुलसी
- पथरी दूर करने में फायदेमंद है तुलसी
- प्रसव (डिलीवरी) के बाद होने वाले दर्द से आराम
- नपुंसकता में लाभकारी
- कुष्ठ रोग (त्वचा रोग) में फायदेमंद है तुलसी का रस
- सफ़ेद दाग दूर करने में उपयोगी
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
1. दिमाग के लिए फायदेमंद हैं तुलसी की पत्तियां
दिमाग के लिए भी तुलसी के फायदे लाजवाब तरीके से काम करते हैं। इसके रोजाना सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है। इसके लिए रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ निगलकर खाएं।
2. सिर दर्द से आराम दिलाती है तुलसी
ज्यादा काम करने या अधिक तनाव में होने पर सिरदर्द होना एक आम बात है। अगर आप भी अक्सर सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो तुलसी के तेल की एक दो बूंदें नाक में डालें। इस तेल को नाक में डालने से पुराने सिर दर्द और सिर से जुड़े अन्य रोगों में आराम मिलता है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि तुलसी के उपयोग करने का तरीका सही होना चाहिए।
3. सिर के जूँ और लीख से छुटकारा
अगर आपके सिर में जुएं पड़ गये हैं और कई दिनों से यह समस्या ठीक नहीं हो रही है तो बालों में तुलसी का तेल लगाएं। तुलसी के पौधे से तुलसी की पत्तियां लेकर उससे तेल बनाकर बालों में लगाने से उनमें मौजूद जूं और लीखें मर जाती हैं। तुलसी के पत्ते के फायदे, तुलसी का तेल बनाने में प्रयोग किया जाता है।
4. रतौंधी में लाभकारी है तुलसी का रस
कई लोगों को रात के समय ठीक से दिखाई नहीं पड़ता है, इस समस्या को रतौंधी कहा जाता है। अगर आप रतौंधी से पीड़ित हैं तो तुलसी की पत्तियां आपके लिए काफी फायदेमंद है। इसके लिए दो से तीन बूँद तुलसी-पत्र-स्वरस को दिन में 2-3 बार आंखों में डालें।
5. साइनसाइटिस या पीनसरोग में लाभदायक
अगर आप साइनसाइटिस के मरीज हैं तो तुलसी की पत्तियां या मंजरी को मसलकर सूघें। इन पत्तियों को मसलकर सूंघने से साइनसाइटिस रोग से जल्दी आराम मिलता है।
6. कान के दर्द और सूजन में लाभदायक
तुलसी की पत्तियां कान के दर्द और सूजन से आराम दिलाने में भी असरदार है। अगर कान में दर्द है तो तुलसी-पत्र-स्वरस को गर्म करके 2-2 बूँद कान में डालें। इससे कान दर्द से जल्दी आराम मिलता है। इसी तरह अगर कान के पीछे वाले हिस्से में सूजन (कर्णमूलशोथ) है तो इससे आराम पाने के लिए तुलसी के पत्ते तथा एरंड की कोंपलों को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर गुनगुना करके लेप लगाएं। कान दर्द से राहत दिलाने में भी तुलसी के पत्ते खाने से फायदा मिलता है।
7. दांत दर्द से आराम
तुलसी की पत्तियां दांत दर्द से आराम दिलाने में भी कारगर हैं। दांत दर्द से आराम पाने के लिए काली मिर्च और तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर दांत के नीचे रखने से दांत के दर्द से आराम मिलता है।
8. गले से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद
सर्दी-जुकाम होने पर या मौसम में बदलाव होने पर अक्सर गले में खराश या गला बैठ जाने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। तुलसी की पत्तियां गले से जुड़े विकारों को दूर करने में बहुत ही लाभप्रद हैं। गले की समस्याओं से आराम पाने के लिए तुलसी के रस को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर उससे कुल्ला करें। इसके अलावा तुलसी रस-युक्त जल में हल्दी और सेंधानमक मिलाकर कुल्ला करने से भी मुख, दांत तथा गले के सब विकार दूर होते हैं।
9. खांसी से आराम
तुलसी की पत्तियों से बने शर्बत को आधी से डेढ़ चम्मच की मात्रा में बच्चों को तथा 2 से चार चम्मच तक बड़ों को सेवन कराने से, खांसी, श्वास, कुक्कुर खांसी और गले की खराश में लाभ होता है। इस शर्बत में गर्म पानी मिलाकर लेने से जुकाम तथा दमा में बहुत लाभ होता है। इस शरबत को बनाने के लिए कास-श्वास-तुलसी-पत्र (मंजरी सहित) 50 ग्राम, अदरक 25 ग्राम तथा कालीमिर्च 15 ग्राम को 500 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बनाएं, चौथाई शेष रहने पर छानकर तथा 10 ग्राम छोटी इलायची बीजों के महीन चूर्ण मिलाकर 200 ग्राम चीनी डालकर पकाएं, एक तार की चाशनी हो जाने पर छानकर रख लें और इसका सेवन करें।
10. सूखी खांसी और दमा से आराम
तुलसी की पत्तियां अस्थमा के मरीजों और सूखी खांसी से पीड़ित लोगों के लिए भी बहुत गुणकारी हैं। इसके लिए तुलसी की मंजरी, सोंठ, प्याज का रस और शहद को मिला लें और इस मिश्रण को चाटकर खाएं, इसके सेवन से सूखी खांसी और दमे में लाभ होता है।
11. डायरिया और पेट की मरोड़ से आराम
गलत खानपान या प्रदूषित पानी की वजह से अक्सर लोग डायरिया की चपेट में आ जाते हैं। खासतौर पर बच्चों को यह समस्या बहुत होती है। तुलसी की पत्तियां डायरिया, पेट में मरोड़ आदि समस्याओं से आराम दिलाने में कारगर हैं। इसके लिए तुलसी की 10 पत्तियां और 1 ग्राम जीरा दोनों को पीसकर शहद में मिलाकर उसका सेवन करें।
12. अपच से आराम दिलाती है तुलसी
अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है या फिर आप अपच या अजीर्ण की समस्या से पीड़ित रहते हैं तो तुलसी का सेवन करें। इसके लिए तुलसी की 2 ग्राम मंजरी को पीसकर काले नामक के साथ दिन में 3 से 4 बार लें।
13. मूत्र में जलन से आराम
मूत्र में जलन होने पर भी तुलसी के बीज का उपयोग करने से आराम मिलता है। तुलसी के बीज और जीरे का चूर्ण 1 ग्राम लेकर उसमें 3 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ लेने से मूत्र में जलन, मूत्रपूय तथा वस्तिशोथ (ब्लैडर इन्फ्लेमेशन) में लाभ होता है।
14. पीलिया में लाभदायक है तुलसी
पीलिया या कामला एक ऐसी बीमारी है जिसका सही समय पर इलाज ना करवाने से यह आगे चलकर गंभीर बीमारी बन जाती है। 1-2 ग्राम तुलसी के पत्तों को पीसकर छाछ (तक्र) के साथ मिलाकर पीने से पीलिया में लाभ होता है। इसके अलावा तुलसी के पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से भी पीलिया में आराम मिलता है।
15. पथरी दूर करने में फायदेमंद है तुलसी
पथरी की समस्या होने पर भी तुलसी का सेवन करना फायदेमंद रहता है। इसके लिए तुलसी की 1-2 ग्राम पत्तियों को पीसकर शहद के साथ खाएं। यह पथरी को बाहर निकालने में मददगार होती है। हालांकि पथरी होने पर सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर ना रहें बल्कि नजदीकी डॉक्टर से अपनी जांच करवायें।
16. प्रसव (डिलीवरी) के बाद होने वाले दर्द से आराम
प्रसव के बाद महिलाओं को तेज दर्द होता है और इस दर्द को दूर करने में तुलसी की पत्तियां काफी लाभदायक हैं। तुलसी-पत्र-स्वरस में पुराना गुड़ तथा खाँड़ मिलाकर प्रसव होने के बाद तुरन्त पिलाने से प्रसव के बाद होने वाले दर्द से आराम मिलता है।
17. नपुंसकता में लाभकारी
तुलसी बीज चूर्ण अथवा मूल चूर्ण में बराबर की मात्रा में गुड़ मिलाकर 1-3 ग्राम की मात्रा में, गाय के दूध के साथ लगातार एक माह या छह सप्ताह तक लेते रहने से नपुंसकता में लाभ होता है।
18. कुष्ठ रोग (त्वचा रोग) में फायदेमंद है तुलसी का रस
अगर आप कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं तो जान लें कि तुलसी का सेवन कुष्ठ रोग को कुछ हद तक दूर करने में सहायक है। पतंजलि आयुर्वेद के अनुसार 10-20 मिली तुलसी पत्र-स्वरस को प्रतिदिन सुबह पीने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
19. सफ़ेद दाग दूर करने में उपयोगी
तुलसी पत्रस्वरस (1 भाग), नींबू रस (1 भाग), कंसौदी-पत्र-स्वरस-(1 भाग), तीनों को बराबर-बराबर लेकर एक तांबे के बर्तन में डालकर चौबीस घंटे के लिए धूप में रख दें। गाढ़ा हो जाने पर इसका लेप करने से ल्यूकोडर्मा (सफेद दाग या श्वित्र रोग) में लाभ होता है। इसको चेहरे पर लगाने से, चेहरे के दाग तथा अन्य चर्म विकार साफ होते हैं और चेहरा सुन्दर हो जाता है। इससे पता चलता है कि तुलसी के फायदे चेहरे के लिए कितने हैं।
20. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
तुलसी के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। 20 ग्राम तुलसी बीज चूर्ण में 40 ग्राम मिश्री मिलाकर पीस कर रख लें। सर्दियों में इस मिश्रण की 1 ग्राम मात्रा का कुछ दिन सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वात एवं कफ से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा 5-10 मिली कृष्ण तुलसी-पत्र स्वरस में दोगुनी मात्रा में गाय का गुनगुना घी मिलाकर सेवन करने से भी वात और कफ से जुड़े रोगों से आराम मिलता है।