मुलेठी एक गुणकारी जड़ी बूटी है। जिसे यष्टिमधु और जेष्टमधी के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए करते हैं। गले की खराश में इसका उपयोग करना सबसे ज्यादा असरदार होता है। हालांकि मुलेठी के फायदे सिर्फ इतने ही नहीं हैं बल्कि इसका मुख्य इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है।
इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल भारत में कई वर्षों से होता चला आ रहा है, यह मुख्य रूप से सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए काफी इस्तेमाल की जाती है। तो लोगों को यह लगने लगा है कि इसका प्रयोग केवल इसी समस्या के लिए किया जा सकता है। लेकिन मुलेठी को लेकर लोगों की यह मानसिकता बहुत ही बिलकुल गलत है। अगर मुलेठी से मिलने वाले फायदों के बारे में गिना जाए तो इसका प्रयोग कई गंभीर से गंभीर रोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। आज इस लेख में हम आपको मुलेठी से मिलने वाले ऐसे फायदों के बारे में बताएँगे जो कि शायद आपको मालूम नहीं होंगे।
मुलेठी के फायदे
- सिरदर्द से आराम
- बाल बढ़ाने में
- माइग्रेन के दर्द
- बालों के सफ़ेद होने से रोकथाम
- आंखों के रोगों में
- पित्त से होने वाले कान के रोग
- नाक के रोगों से आराम
- मुंह के छालों से आराम
- त्वचा की सूजन और संक्रमण
- पेट की परेशानी और अल्सर
- कैंसर रोधी गुण होते हैं
- गले में खरास
- पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाए
1. सिरदर्द से आराम
अगर आप अक्सर सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो मुलेठी आपके लिए बहुत काम की चीज है। मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर के एक भाग में इसका चौथाई भाग कलिहारी चूर्ण और थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाएं। इसे सूंघने से सिरदर्द से आराम मिलता है।
2. बाल बढ़ाने में
मुलेठी का उपयोग बालों को सही पोषण देने और बढ़ाने में भी किया जाता है। मुलेठी के क्वाथ से बालों को धोने से बालों तेजी से बढ़ते हैं। इसी तरह मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप लगाने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।
3. माइग्रेन के दर्द
माइग्रेन के दर्द से परेशान रहते हैं तो आपको मुलेठी का उपयोग करना चाहिये। मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में शहद मिलाकर इसे नेजल ड्राप की तरह नाक में डालें। इससे माइग्रेन के दर्द से आराम मिलता है।
4. बालों के सफ़ेद होने से रोकथाम
बाल सफ़ेद होना एक आम समस्या है और आज कल ज्यादातर लोग बाल समय से पहले सफ़ेद होने से परेशान रहते हैं। मुलेठी के उपयोग से आप बालों को झड़ने और सफ़ेद होने से रोक सकते हैं। इसके लिए 50ग्राम मुलेठी कल्क, 750 मिली आंवला स्वरस और 750 मिली तिल के तेल को मिलाकर पाक बना लें। नियमित रूप से इस तेल पाक की 1-2 बूँद नाक में डालने से असमय बाल सफ़ेद नहीं होते और बालों का झड़ना भी कम होता है।
5. आंखों के रोगों में
आंखों में जलन या आंखों से जुड़ा कोई रोग होने पर भी मुलेठी का इस्तेमाल करने से फायदा पहुँचता है। इसके लिए मुलेठी के काढ़ा से आंखों को धोएं। इसके अलावा मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाएं । इस चूर्ण को सुबह शाम खाने से आंखों की जलन कम होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
6. पित्त से होने वाले कान के रोग
मुलेठी और द्राक्षा से पकाए हुए दूध को कान में डालने से पित्त के कारण होने वाले कान के रोग में लाभ होता है। मुलेठी के औषधीय गुण कान के बीमारियों में बहुत फायदेमंद होते हैं।
7. नाक के रोगों से आराम
3-3 ग्राम मुलेठी और शुण्ठी में छह छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री मिलाकर इसका काढ़ा बनाएं। इस काढ़े की 1-2 बूँद नाक में डालने से नाक के रोग ठीक होते हैं।
8. मुंह के छालों से आराम
मुँह के छालों से परेशान रहते हैं तो मुलेठी के औषधीय गुणों का फायदा क्यों नहीं उठाते हैं। अगर मुंह में छाले हो गए हैं तो मुलेठी के कुछ टुकड़े लें और उसमें शहद मिलाकर चूसें। इससे छाले जल्दी ठीक होते हैं।
9.त्वचा की सूजन और संक्रमण
एक्जिमा त्वचा की स्थिति के एक समूह के लिए ऐसा शब्द है जिससे कई लाखों लोग पीड़ित है। त्वचा संबंधित इस समस्या के कारण खुजली, लालिमा, स्केलिंग और सूजन हो सकती है। ईरानी जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च में एक अध्ययन के अनुसार, ग्लाइसीरिजा ग्लबरा अर्क या मुलेठी जड़ का अर्क, बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी होकर उसे नष्ट करने में सहायक हो सकता है जिसकी वजह से एक्जिमा की समस्या हुई है। अध्ययन में स्टैफिलोकोकस ऑरियस के खिलाफ रोगाणुरोधी गतिविधि दिखाई गई, जिससे त्वचा में संक्रमण हो सकता है, जैसे कि इम्पेटिगो, सेल्युलाइटिस और फॉलिकुलिटिस। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पौधे की पत्तियों और जड़ों से अर्क का इस्तेमाल किया।
10. पेट की परेशानी और अल्सर
एक डबल-ब्लाइंड अध्ययन में पाया गया कि मुलेठी की जड़ में मौजूद ग्लैब्रिडिन और ग्लैब्रेन युक्त एक अर्क होता है जो कि फ्लेवोनोइड्स हैं। यह पेट की परेशानी से राहत दिलाने में प्रभावी होता है। अर्क की मदद से मतली, पेट दर्द और पेट की मरोड़ को कम किया जा सकता है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से कुछ लोगों में पेप्टिक अल्सर हो सकता है। शोध से पता चलता है कि मुलेठी निकालने से एच पाइलोरी बैक्टीरिया को मारने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, मुलेठी तासीर में ठंडी होती है जिसकी वजह से यह पेट से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होती है।
11.कैंसर रोधी गुण होते हैं
मुलेठी न केवल आपको मुह की दुर्गन्ध और गले की खराश को दूर करती है बल्कि आपको कैंसर से भी बचाती है। मुलेठी के अंदर कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं, इसलिए इसके सेवन से कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद मिलती है। मुलेठी में एंटी कार्सिनोजेन गुण पाया जाता है। इसलिए, मुलेठी का सेवन करने से कैंसर को पनपने और कैंसर के कारण डीएनए को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। एक शोध में यह सिद्ध किया गया है कि अगर मुलेठी का सेवन किया जाए तो प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है और साथ ही यह आपको अलसर और गले के कैंसर से बचा कर रखता है। कैंसर से बचने के लिए आप मुलेठी का पानी पी सकते हैं या फिर आप इसे चबाकर भी खा सकते हैं। लेकिन, हम यहाँ यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगर आप किसी कैंसर से जूझ रहे हैं तो आप डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन करें, क्योंकि कोई भी दवा देने से पहले रोगी की शारीरिक स्थिति और रोग का स्तर जरूर देखा जाता है ताकि औषधि की मात्रा निर्धारित की जा सके।
12.गले में खरास
बहुत से लोग मुलेठी को गले की खराश का इलाज मानते हैं। एक छोटे से अध्ययन ने उन लोगों को भर्ती किया जिनके पास सर्जरी से पहले श्वास नली में श्वास नली डाली गई थी। इसे हटाने के बाद, श्वास नली पोस्टऑपरेटिव गले में खराश पैदा कर सकती है। शोधकर्ताओं ने दिखाया कि सर्जरी से पहले 1-15 मिनट के लिए मुलेठी के घोल से गरारे करना पोस्टऑपरेटिव की घटनाओं और गंभीरता को कम करने में केटामाइन गार्गल जितना ही प्रभावी था। इसी तरह के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि मुलेत्हू की उच्च सांद्रता वाले समाधान पोस्टऑपरेटिव को बेहतर बनाने में कम केंद्रित समाधानों की तुलना में अधिक प्रभावी थे।
13.पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाए
पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए भी मुलेठी पाउडर के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, मुलेठी की जड़/तने का सेवन व्यक्ति के पूरे शरीर को प्रभावित करता है। साथ ही यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है, जो प्रजनन क्षमता के लिए लाभदायक हो सकता है।