शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखने के लिए डाइट का ठीक होना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। सोयाबीन में पाए जाने वाले पोषक तत्व गुण न सिर्फ शरीर को फिट और हेल्दी बनाने में मदद करते हैं बल्कि कई बीमारियों से भी बचाते हैं। सोयाबीन पोषक तत्वों का पॉवरहाउस माना जाता है। सोयाबीन में प्रोटीन, हेल्दी फैट, कार्ब्स, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी, विटामिन ई, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यही नहीं इसमें कैंसर रोधी गुण, लेसिथीन आदि पाए जाते हैं, ये टीबी जैसी गंभीर बीमारी से बचाव करता है। नियमित रूप से संतुलित मात्रा में सोयाबीन का सेवन करने से शरीर को अनेकों फायदे मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सोयाबीन खाने का सबसे सही तरीका क्या है? सोयाबीन को भिगोकर खाने से शरीर को सबसे ज्यादा फायदा मिलता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं सोयाबीन को भिगोकर खाने के फायदे और सही तरीका।
सोयाबीन खाने के फायदे
- शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का अच्छा सोर्स
- डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण
- हार्ट के लिए फायदेमंद
- वजन कम करने के लिए फायदेमंद
- कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद
- हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद
- हड्डियों के लिए
- कैंसर के लिए
- माहवारी में सहायक
- त्वचा के लिए
1. शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का अच्छा सोर्स
सोयाबीन प्रोटीन का भंडार होता है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन शरीर में पचने के बाद यूरिक एसिड भी नहीं बनाता है। शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स सोयाबीन होता है। रोजाना एक कटोरी सोयाबीन को भिगोकर खाने से वजन बढ़ाने, मांसपेशियों को विकसित और मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
2. डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण
खानपान में गड़बड़ी की वजह से डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। डायबिटीज में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए सोयाबीन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन की ठीक मात्रा पायी जाती है और शरीर को इसका सेवन करने से शरीर में शुगर को मैनेज करने में फायदा मिलता है। इसके अलावा भिगोया हुआ सोयाबीन खाने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस ठीक रहता है।
3. हार्ट के लिए फायदेमंद
हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रोजाना भिगोया सोयाबीन खाना चाहिए। सोयाबीन में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, इसका सेवन करने से हार्ट हेल्दी रहता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा सोयाबीन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
4. वजन कम करने के लिए फायदेमंद
आज के समय में मोटापा एक बड़ी और गंभीर समस्या बन गया है। मोटापे की वजह से शरीर अन्य बीमारियां भी होने लगती हैं। मोटापा कम करने के लिए रोजाना भिगोया सोयाबीन खाना फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से शरीर को प्रोटीन मिलता है और इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करता है।
5. कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद
खानपान में गड़बड़ी और निष्क्रिय लाइफस्टाइल की वजह से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। शरीर में बढ़े हुए बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए रोजाना भिगोया सोयाबीन खाना फायदेमंद होता है। सोयाबीन के बीज में आइसोफ्लेवोंस पाए जाते हैं, जो शरीर में मौजूद एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
6. हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद
रोजाना एक कप भिगोया सोयाबीन के बीज खाने से शरीर में ब्लड प्रेशर ठीक रहता है। इसका सेवन करने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को ठीक करने में मदद मिलती है।
7. हड्डियों के लिए
सोयाबीन खाने से हड्डियां मजबूत होती है। यह एस्ट्रोजन हार्मोन (इसे फीमेल हार्मोन भी कहते है) और हड्डियों के सुरक्षा में भी सहायक होता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं
8. कैंसर के लिए
सोयाबीन के फायदों के बारे में बात करें, तो इनमें से एक कैंसर से बचाव भी शामिल है। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि सोयाबीन में आइसोफ्लेवोंस (एक तरह के रासायनिक कंपाउंड) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही सोयाबीन को फाइटोकेमिकल्स के समूह का भी मुख्य स्रोत माना गया है। ऐसे में ये दोनों तत्व एंटीकैंसर के रूप में अपना असर दिखा सकते हैं। सोयाबीन के सेवन से स्तन और गर्भाशय से संबंधित कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है
9. माहवारी में सहायक
सोया उत्पादों में प्लांट एस्ट्रोजेन जैसे यौगिक होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के निर्माण में मदद करते हैं। इसके सेवन से मासिक धर्म नियमित रूप से आते हैं। साथ ही बांझपन और रजोनिवृत्ति से पहले होने वाली समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय डिसमेनोरिया का सामना करना पड़ता है। यह एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें महिला को गर्भाशय में असहनीय दर्द होता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक के अध्ययन अनुसार, जो महिलाएं रेड मीट के मुकाबले अधिक सोया खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, उन्हें डिसमेनोरिया से जल्द राहत मिल सकती है। साथ ही प्रीमेन्स्ट्रुअल से भी आराम मिलता है। मासिक धर्म से पहले होने वाली विभिन्न समस्याओं को प्रीमेन्स्ट्रुअल कहा जाता है
10. त्वचा के लिए
सोयाबीन के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी व कोलेजन (प्रोटीन का समूह) के गुण पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर त्वचा को खिला-खिला और जवां बनाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को अल्ट्रा वाइलेट किरणों से भी सुरक्षा पहुंचाता है