गिलोय, जिसे टीनोस्पोरा कोर्डिफोलिया के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आमतौर पर सेहत से जुड़ी कई समस्याओं और बीमारियों को ठीक करने के लिए भारत में काफी लंबे समय से किया जा रहा है। आयुर्वेद में भी सेहत से जुड़े इसके कई फायदों के बारे में बताया गया है। इसमें कई ऐसी खूबी होती है, जो ओवरऑल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
गिलोय के मुख्य उपयोगों में से जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने के लिए होता है। उदाहरण के लिए, अरंडी के तेल के साथ गिलोय का उपयोग गाउट से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, गिलोय का उपयोग अदरक के साथ रूमेटाइड अर्थराइटिस के उपचार में भी किया जाता है, यह एक पुरानी ऑटोइम्यून मेडिकल कंडीशन है, जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है।
गिलोय के फायदे
- पाचन में सुधार करता है
- इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है
- तनाव और थकान को कम करता है
- सूजन कम करता है
- एनर्जी बूस्टर का काम करता है
- श्वसन संबंधी समस्याओं का इलाज करता है
- मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करता है
- दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम करता है
- त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है
- बुखार का इलाज
- डायबिटीज
- डेंगू
- पीलिया
- लीवर के लिए फायदेमंद
- गिलोय के सेवन से उल्टी रुकती है
1. पाचन में सुधार करता है
गिलोय में पाचन क्रिया को बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसके कारण को समझना भी काफी आसान है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक शोध में भी यह पाया गया है कि गिलोय पाचन क्रिया को बूस्ट करने के लिए सकारात्मक असर दिखाता है।
2. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है
गिलोय में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले गुण होते हैं, जो शरीर में संक्रमण और बीमारियों को अटैक करने से दूर रखते हैं। NCBI की एक रिपोर्ट में भी यह प्रभाव देखा गया है कि गिलोय जूस इम्यून इफेक्टर सेल्स को बूस्ट करने का गुण रखता है।
3. तनाव और थकान को कम करता है
गिलोय में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो शरीर के तनाव और हार्मोन के लेवल को नियंत्रित करके तनाव और थकान को कम करने में आपकी काफी मदद करते हैं।
4. सूजन कम करता है
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सामान्य कारणों से होने वाली सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। इसके लिए आप गिलोय के जूस या फिर टैबलेट का भी सेवन कर सकते हैं।
5. एनर्जी बूस्टर का काम करता है
गिलोय में ऐसे खास गुण होते हैं जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और शारीरिक और मानसिक रूप से भी आपको एक्टिव बनाने में मदद करते हैं।
6. श्वसन संबंधी समस्याओं का इलाज करता है
गिलोय में कफ को बाहर निकालने जैसे औषधीय गुण भी होते हैं, जो सांस के रास्ते से बलगम को हटाकर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस से जुड़ी समस्याओं से आपको बचाए रख सकते हैं।
7. मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करता है
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और बढ़ती उम्र के साथ दिमाग पर होने वाले नकारात्मक असर जैसे याद्दास्त कमजोर होना और दिमाग के कार्य करने की क्षमता को कमजोर होने से बचाते हैं।
8. दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम करता है
CDC के अनुसार, गिलोय में कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मदद करते हैं। रिसर्चगेट पर मौजूद एक स्टडी इस बारे में पुष्टि भी करती है।
9. त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने और मुंहासे, धब्बे और अन्य स्किन कंडीशन को भी काफी कम कर सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुण से परिपूर्ण होने के कारण यह एजिंग के प्रभाव को काफी कम कर देता है।
10. बुखार का इलाज
गिलोय का उपयोग बुखार को ठीक करने के लिए भी किया जाता रहा है। NCBI की एक स्टडी ने भी इस बात के संकेत एक रिसर्च में देखी है कि गिलोय में बुखार को ठीक करने के गुण होते हैं जो शरीर के तापमान को कम करने और लंबे समय से न ठीक होने वाले बुखार का भी इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
11. डायबिटीज
विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करती है और टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में असरदार भूमिका निभाती है। गिलोय जूस ब्लड शुगर के बढे स्तर को कम करती है, इन्सुलिन का स्राव बढ़ाती है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करती है। इस तरह यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी औषधि है।
12. डेंगू
डेंगू से बचने के घरेलू उपाय के रुप में गिलोय का सेवन करना सबसे ज्यादा प्रचलित है। डेंगू के दौरान मरीज को तेज बुखार होने लगते हैं। गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी ठीक करते हैं साथ ही यह इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है जिससे डेंगू से जल्दी आराम मिलता है।
13. पीलिया
पीलिया के मरीजों को गिलोय के ताजे पत्तों का रस पिलाने से पीलिया जल्दी ठीक होता है। इसके अलावा गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है। गिलोय स्वरस के अलावा आप पीलिया से निजात पाने के लिए गिलोय सत्व का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
14. लीवर के लिए फायदेमंद
अधिक शराब का सेवन लीवर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में गुडूची सत्व या गिलोय सत्व का सेवन लीवर के लिए टॉनिक की तरह काम करती है। यह खून को साफ़ करती है और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम का स्तर बढ़ाती है। इस तरह यह लीवर के कार्यभार को कम करती है और लीवर को स्वस्थ रखती है। गिलोय के नियमित सेवन से लीवर संबंधी गंभीर रोगों से बचाव होता है।
15. गिलोय के सेवन से उल्टी रुकती है
एसिडिटी के कारण उल्टी हो तो 10 मिली गिलोय रस में 4-6 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे सुबह और शाम पीने से उल्टी बंद हो जाती है। गिलोय के 125-250 मिली चटनी में 15 से 30 ग्राम शहद मिला लें।
इसे दिन में तीन बार सेवन करने से उल्टी की परेशानी ठीक हो जाती है। 20-30 मिली गुडूची के काढ़ा में मधु मिलाकर पीने से बुखार के कारण होने वाली उलटी बंद होती है। अगर उल्टी से परेशान है और गिलोय के फायदे का पूरा लाभ उठाने के लिए उसका सही तरह से सेवन करना