शंखपुष्पी का नाम सुनते ही पहली बात जो दिमाग में आती है वह ये है कि शंखपूष्पी के फूल और शंखपुष्पी का पौधा यादाश्त बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। वैसे तो शंखपुष्पी के फूल कई तरह के रंगों के होते हैं लेकिन आयुर्वेद में सफेद रंग के शंखपुष्पी का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेदिक दवाओं में व्यापक रूप से शंखपुष्पी का उपयोग किया जाता है। इस जड़ी-बूटी को दिमाग तेज करने का टॉनिक भी कहा जाता है। ये मानसिक स्वास्थ्य के लिए अमृत का काम करती है। शंखपुष्पी को वैष्णव, विष्णुकांता और विष्णुगंधी जैसे कई नामों से जाना जाता है।
इस जड़ी-बूटी का स्वाद कड़वा होता है और ये स्निग्ध (तैलीय) और पिछिल (पतला) गुण रखती है। शंखपुष्पी की तासीर ठंडी होती है एवं इससे त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जा सकता है। वात और पित्त दोष पर ये ज्यादा काम करती है।
शंखपुष्पी सिरप के फायदे
- सर्दी-खांसी में असरदार
- उल्टी में दिलाये आराम
- खून की उल्टी में फायदेमंद
- मधुमेह या डायबिटीज में फायदेमंद
- मूत्रकृच्छ्र या मूत्र रोग में फायदेमंद
- याददाश्त बढ़ाने में फायदेमंद
- मिरगी से राहत दिलाये
- कमजोरी दूर करने में फायदेमंद
- तेज़ बुखार से राहत दिलाने में फायदेमंद
1. सर्दी-खांसी में असरदार
सर्दी-खांसी के परेशानी से आराम पाने के लिए शंखपुष्पी का प्रयोग ऐसा करना चाहिए। शंखपुष्पी के पत्तों को जलाकर उसका धूम्रपान करने से सांस लेने में आसानी होती है।
2. उल्टी में दिलाये आराम
उल्टी से अगर हाल बेहाल है तो शंखपुष्पी को इस तरह से लेने पर आराम मिलता है। शंखपुष्पी पञ्चाङ्ग के दो चम्मच रस में एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर मधु के साथ बार-बार पिलाने से उल्टी होना कम हो जाता है।
3. खून की उल्टी में फायदेमंद
अगर उल्टी करने पर खून निकल रहा है तो तुरन्त राहत पाने के लिए 5-10 मिली शंखपुष्पी का रस या शंखपुष्पी सिरप पियें। इसके सेवन से आराम मिलता है।
4. मधुमेह या डायबिटीज में फायदेमंद
डायबिटीज को नियंत्रण में करने के लिए शंखपुष्पी के 6 ग्राम चूर्ण को सुबह-शाम गाय के मक्खन के साथ या पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में बहुत लाभ होता है ।
इसके अलावा मधुमेह की कमजोरी को दूर करने के लिए 2-4 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण अथवा 10-20 मिली स्वरस का सेवन लाभप्रद होता है।
2-4 ग्राम शंखपुष्पी पञ्चाङ्ग चूर्ण को मक्खन के साथ मिलाकर सेवन कराने से मधुमेह में लाभ होता है।
5. मूत्रकृच्छ्र या मूत्र रोग में फायदेमंद
मूत्र रोग या मूत्रकृच्छ्र वह रोग है जिसमें पेशाब करते समय जलन या दर्द होना या रूक-रूक कर पेशाब होने जैसी समस्याएं होती है। ऐसे रोगों से राहत पाने के लिए 10-30 मिली शंखपुष्पी के काढ़े में दूध मिलाकर पिलाने से इस रोग फायदा मिलता है।
6. याददाश्त बढ़ाने में फायदेमंद
3 से 6 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण को सुबह शक्कर और दूध के साथ सेवन करने से स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
2-4 ग्राम शंखपुष्पी एवं 1 ग्राम मीठी बच चूर्ण को बच्चों को देते रहने से वह बहुत बुद्धिशाली एवं चतुर होते हैं।
10-20 मिली शंखपुष्पी रस अथवा 2-4 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण में मधु, घी एवं शक्कर मिलाकर 6 मास तक सुबह सेवन करने से उम्र बढ़ने पर झुर्रियों की समस्या, यादाश्त कमजोर होने और कमजोर महसूस होने की समस्या में लाभ मिलता है।
7. मिरगी से राहत दिलाये
2-5 मिली शंखपुष्पी रस में शहद मिलाकर सुबह शाम पिलाने से अपस्मार रोग या मिर्गी में लाभ मिलता है।
शंखपुष्पी, वच और ब्राह्मी को समान मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार देने से अपस्मार, हिस्टीरिया और उन्माद रोग में लाभ होता है।
छाया में सुखाई हुई 1 किलोग्राम शंखपुष्पी तथा 2 किलोग्राम शर्करा दोनों को पीसकर छान लें। उसके बाद उस मिश्रण को बोतलों में भरकर रख लें। इस चूर्ण को 5-10 ग्राम तक की मात्रा में दूध के साथ लेने से मस्तिष्क बेहतर तरीके से काम करता है।
8. कमजोरी दूर करने में फायदेमंद
शंखपुष्पी का का सेवन कफ और वात दोष से प्रकुपित होने पर होने वाले रोगों में फायदमंद होता है क्योंकि आचार्य भावमिश्र के अनुसार शंखपुष्पी में कफ और वात को शमन करने का अर्थात उष्णता का गुण होता है।
9. तेज़ बुखार से राहत दिलाने में फायदेमंद
शंखपुष्पी का सेवन बुखार के समय फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च में बताया गया है कि शंखपुष्पी का काढ़े का सेवन बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।