गर्भावस्था एक जादुई अवधि है। जहां एक माँ का शरीर अपने बच्चे की वृद्धि और विकास में सहायता के लिए अविश्वसनीय परिवर्तनों से गुजरता है। इस दौरान वह जो विकल्प चुनती है। वह बच्चे के स्वास्थ्य और भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। आइए उन आवश्यक कारकों के बारे में जानें जो गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास में योगदान करते हैं।
हर मां चाहती है कि उसका बच्चा स्मार्ट और इंटेलिजेंट हो। कई बार लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि पैदा होने के बाद ही बच्चे की याद्दाश्त को बढ़ाया जा सकता है। असल में प्रेग्नेंसी के दौरान भी अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल कर आप बच्चे के दिमाग को तेज कर सकती हैं।
आज इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि गर्भावस्था के समय क्या खाने से गर्भस्थ शिशु की याद्दाश्त को बढ़ाया जा सकता है।
स्मार्ट और बुद्धिमान बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान क्या खाएं? | What To Eat During Pregnancy For Fair And Intelligent Baby In Hindi
1. ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी होता है। इंटेलिजेंट बच्चा पाने के लिए आप सैल्मन फिश खा सकती हैं। आप हफ्ते में कम से कम दो बार तो सैल्मन फिश जरूर खाएं। इसके अलावा ऑएस्टर में आयोडीन खूब होत है। प्रेग्नेंसी में आयोडीन कम होने पर बच्चे के दिमाग पर असर पड़ सकता है।
2. वसायुक्त मछली
मछलियों समेत कई समुद्री जीवों में लॉन्ग चेन ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाता है, जो गर्भवतियों के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। ओमेगा-3 फैटी एसिड गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और आंखों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इतना ही नहीं, मछली से प्राप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रेगनेंसी में गर्भावधि को स्वस्थ रखने और प्रसवकालीन अवसाद को रोकने में भी सहायक हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में मछली का सेवन गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क को मजबूती देने में कारगर हो सकता है।
वहीं, समुद्री भोजन में ऑर्गेनिक पारा और अन्य हानिकारक विषाक्त पदार्थ जैसे, पॉलीक्लोराइनेटेड बिपेनिल्स हो सकते हैं, जो बढ़ते भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस कारण से एफडीए (फूड स्टैंडर्ड अथॉरिटी) प्रति सप्ताह 2 सर्विंग (लगभग 340 ग्राम) तक मछली खाने की सलाह देता है। अच्छा होगा इस विषय में एक बार संबंधित डॉक्टर से भी बात की जाए।
3. हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक और दालों से लेकर हरी पत्तेदार सब्जियों में फोलिक एसिड खूब होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों और कुछ दालों को खाने से बच्चे के मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचता है।
सब्जियों में मौजूद फोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के खतरे को भी कम करता है और शिशु को कई तरह के हार्ट डिफेक्ट से बचा सकता है।
4. ब्लूबेरी
ब्लूबेरी अपने रसीलेपन और खट्टे-मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है। गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ब्लूबेरी का अर्क हिप्पोकैम्पस (मस्तिष्क सरंचना का एक भाग) के ऊतकों के विकास और उनके संगठन को बढ़ावा दे सकता है।
बता दें कि हिप्पोकैम्पस सीखने और याददाश्त में अहम भूमिका निभाता है। वहीं, ब्लूबेरी को इन्फ्लेमेशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी फायदेमंद पाया गया है। अपने इस गुण के चलते यह न्यूरोलॉजिकल विकारों से बचाव और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की सुरक्षा में सहायक हो सकती है।
इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान शिशु की बुद्धि के भलीभांति विकास के लिए ब्लूबेरी का सेवन किया जा सकता है।
5. बादाम और कद्दू के बीज
बादाम में हेल्दी फैट्स, मैग्नीशियम, विटामिन ई और प्रोटीन होता है। बादाम में याद्दाश्त को बढ़ाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड भी खूब होते हैं। रोज मुट्ठीभर बादाम खाने से गर्भ में ही शिशु के दिमाग को तेज किया जा सकता है। अखरोट में भी प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं।
इसके अलावा कद्दू के बीजों में जिंक भी बहुत होता है। जिंक एक मिनरल है जो मस्तिष्क की संरचना और जानकारी की कॉग्नीटिव प्रोसेसिंग को बढ़ावा देता है। इसमें पोषण और एंटीऑक्सीडेंट भी खूब होते हैं।
6. अंडे
अंडे खाने में जायकेदार और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानें जाते हैं। गर्भावस्था में अंडे का सेवन करना गर्भस्थ शिशु और मां, दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है।
अंडे में कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिनमें से एक है कोलीन, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला एक पोषक तत्व है। वहीं, चूहों पर किए गए एक रिसर्च में अंडे में मौजूद कोलीन को याददाश्त बढ़ाने में भी मददगार पाया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, एक गर्भवती महिला को रोजाना 450 मिलीग्राम कोलीन की जरूरत होती है, इसलिए कोलीन युक्त अंडे को भी बच्चे को बुद्धिमान बनाने के लिए आहार में शामिल किया जा सकता है।
7. दूध और बींस
शिशु के मस्तिष्क में नसों की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए आयरन की जरूरत होती है। बींस में उच्च मात्रा में आयरन होता है जो कि गर्भवती महिला के लिए बहुत आवश्यक है। आप खाने में पालक, अंजीर, चिकन और किशमिश को शामिल कर के भी आयरन की पूर्ति कर सकती हैं।
दूध जन्म से पहले ही शिशु के बौद्धिक कार्यों को बढ़ावा देता है और मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।
8. ग्रीक योगर्ट
प्रोटीन की कमी गर्भस्थ शिशु को कुपोषण का शिकार बना सकती है, जिसका असर भविष्य में बच्चे के बौद्धिक विकास और स्कूल परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है।
ग्रीक योगर्ट जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का उत्पादन करके प्रोटीन के पाचन में सुधार कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स की यह गतिविधि कैल्शियम के अवशोषण को भी बढ़ा सकती है।
जानकारी के लिए बता दें कि ग्रीक योगर्ट में सामान्य योगर्ट से ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है और इसमें शुगर की मात्रा भी कम होती है, इसलिए इसे गर्भवतियों के लिए एक अच्छा स्नैक्स माना जा सकता है।
9. नारियल पानी
नारियल पानी गर्भावस्था के दौरान शरीर में फोलेट की पूर्ति के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि फोलेट नवजात में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के जोखिम को कम कर सकता है।
इसके अलावा, इसमें सोडियम और पोटैशियम जैसे जरूरी इलेक्ट्रोलाइट भी होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, गर्भावस्था में नारियल पानी पीना गुणकारी हो सकता है।
10. संतरा
गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड का सेवन करना जरूरी होता है, क्योंकि इसकी कमी, शिशु को न्यूरल ट्यूब से जुड़े जन्म दोष (शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ से जुड़े दोष) का कारण बन सकती है।
संतरे में पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड होता है। इसलिए, गर्भवतियां फोलिक एसिड की पूर्ति के लिए संतरे का सेवन करके बच्चे के स्वस्थ मस्तिष्क की नींव रख सकती हैं।
11. आयरन से भरपूर खाना
आयरन किसी भी गर्भवती महिला की पहली जरूरत होती है। ज्यादातर गर्भवती महिलाएं यह जानती हैं कि आयरन से खून की कमी नहीं आती, लेकिन इसके साथ-साथ आयरन युक्त भोजन गर्भस्थ शिशु के लिए भी बहुत जरूरी होता है।
भ्रूण के विकास के दौरान आयरन की कमी मस्तिष्क विकास, सीखने और भावनात्मक विकास में कमी ला सकती है।
इसलिए, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें, ये बच्चे का दिमाग मजबूत बना सकते हैं। गर्भवती महिलाएं आयरन युक्त भोजन के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर डॉक्टरी परामर्श पर आयरन की गोलियों का सेवन भी कर सकती हैं।
12. कैल्शियम से भरपूर भोजन
बच्चे को स्मार्ट और बुद्धिमान बनाने में कैल्शियम की बड़ी भूमिका हो सकती है। कैल्शियम तंत्रिका तंत्र के माध्यम से मस्तिष्क को संदेश भेजने में मदद कर सकता है।
साथ ही शरीर कैल्शियम का उपयोग एंजाइम को नियंत्रित रखने में भी करता है, जो मानव शरीर में लगभग हर कार्य को प्रभावित करते हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि कैल्शियम का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु को उपरोक्त लाभ मिल सकते हैं और उसका बौद्धिक विकास अच्छी तरह हो सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
13. फिट और एक्टिव रहें
प्रेग्नेंसी के दौरान फिट और एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज के दौरान रिलीज होने वाले हार्मोंस प्लेसेंटा के जरिए शिशु तक पहुंचते हैं। वहीं एक्सरसाइज से शरीर में खून का प्रवाह भी बढ़ जाता है। इस तरह बच्चे के विकास को बढ़ावा मिलत है।
अगर आप प्रेग्नेंसी से पहले एक्सरसाइज नहीं करती थीं तो प्रेगनेंट होने पर हल्की एक्सरसाइज और पैदल वचलें। प्रेग्नेंसी में एक्टिव रहने से इंटेलिजेंट बच्चे पैदा होते हैं। प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज करने से बच्चे के हिप्पोकैंपस में न्यूरॉन्स भी बढ़ सकते हैं। यह मस्तिष्क के याद करने और याद्दाश्त वाले हिस्से को 40 पर्सेंट तक बढ़ा देते हैं।
टिप्स और सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान खान-पान से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखकर कई प्रकार की जटिलताओं से बचा जा सकता है। आइए, जानते हैं कैसे:
- एक बुद्धिमान बच्चे को जन्म देने के लिए हमेशा ताजे और केमिकल मुक्त फल व सब्जियों का इस्तेमाल करें।
- प्रोसेस्ड फूड और हाई शुगर वाले पदार्थों से बचें।
- शराब और धूम्रपान जैसे नशीले पदार्थों का सेवन न करें। यह मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।
- कच्चे मांस, कच्ची या अधपकी मछली, कच्चे अंडे और अनपाश्चराइज्ड डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें, इनसे संक्रमण का खतरा हो सकता है (34)।
- सब्जी और फलों को हमेशा धोकर और काटकर खाएं।
- अगर ऐसा लगता है कि फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाना है, तो सब्जियों को चीले या ऑमलेट में डाल सकते हैं और फलों को दलिए में डालकर भोजन में शामिल किया जा सकता है।
- भोजन की तैयारी के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- रोजाना वॉक पर जाएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा।
इस लेख में आपने जाना कि बच्चे को बुद्धिमान और स्मार्ट बनाने में भोजन की क्या भूमिका हो सकती है। इससे एक बात स्पष्ट होती है कि मां गर्भावस्था के समय से ही बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य की नींव रख सकती है।
इसके लिए भोजन, व्यायाम और आराम के बीच संतुलन बना कर रखना बेहद जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। गर्भावस्था के दौरान सही पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस लेख को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।