पितृत्व अनगिनत निर्णयों से भरी एक यात्रा है, प्रत्येक निर्णय के अपने-अपने विचार और संभावित लाभ होते हैं। एक अपरंपरागत पहलू जिसने हाल के वर्षों में ध्यान आकर्षित किया है वह है उल्टा बच्चा पैदा करने की अवधारणा।
हालाँकि यह पहली बार में असामान्य लग सकता है, इस अभ्यास के पीछे दिलचस्प कारण हैं, और समर्थकों का तर्क है कि यह कई प्रकार के आश्चर्यजनक लाभों के साथ आता है।
पेट में बच्चा उल्टा होने के लक्षण
पेट में बच्चा उल्टा होने पर माँ को कई लक्षण महसूस होते हैं। जैसे कि अगर आपके गर्भ में बच्चा उल्टा है तो माँ महसूस होगा कि पेट के निचले हिस्से में बच्चा लात मार रहा है।
इसके अलावा पेट में बच्चा उल्टा होने पर उसका सिर माँ को अपनी पसलियों के आसपास महसूस होता है। ऐसे में जरूरी होता कि गर्भवती महिला को डॉक्टर परामर्श लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके बच्चे को सही अवस्था में लाने के लिए कुछ प्रक्रिया को कर सकते हैं।
गर्भ में बच्चा उल्टा होने के प्रकार
गर्भ में बच्चा उल्टा होने स्थिति को ब्रीच पोजीशन कहते हैं। ब्रीच पोजीशन मुख्यतः तीन प्रकार की होती है। कंपलीट ब्रीच, फ्रैंक ब्रीच और फुटलिंग ब्रीच।
पेट में बच्चा उल्टा हो तो सीधा कैसे करें
- कंपलीट ब्रीच – कंपलीट ब्रीच में बच्चे के दोनों घुटने मुड़े होते हैं और उसके पैर और कूल्हे नीचे की ओर रहते हैं।
- फ्रैंक ब्रीच – फ्रैंक ब्रीच में बच्चे का सिर और उसके दोनों पैर ऊपर की ओर एवं कूल्हा नीचे की ओर रहता है।
- फुटलिंग ब्रीच – फुटलिंग ब्रीच में बच्चा गर्भ में अपने पैरों को क्रॉस करके बैठा हुआ दिखाई देता है।
उल्टा बच्चा होने के कारण:
1. वैकल्पिक पालन-पोषण विधियों की खोज:
उल्टा शिशु तकनीक को अपनाना वैकल्पिक पालन-पोषण के तरीकों का पता लगाने की इच्छा को दर्शाता है। कुछ माता-पिता अपरंपरागत तरीकों की ओर आकर्षित होते हैं, उनका मानना है कि वे अद्वितीय लाभ प्रदान कर सकते हैं जो अधिक पारंपरिक प्रथाओं द्वारा प्रदान नहीं किए जाते हैं।
2. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रभाव:
कुछ संस्कृतियों में, शिशु की मालिश और योग जैसी प्रथाओं को सदियों से पालन-पोषण परंपराओं में शामिल किया गया है। उलटे बच्चे की अवधारणा इन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रभावों से प्रेरणा ले सकती है, जो आधुनिक पालन-पोषण में समय-परीक्षणित तरीकों को शामिल करने की इच्छा को दर्शाती है।
3. व्यक्तिगत अनुभव और वास्तविक साक्ष्य:
कई माता-पिता जिन्होंने उल्टा शिशु दृष्टिकोण आजमाया है, वे इस अपरंपरागत अभ्यास को अपने बच्चे के व्यवहार और विकास में सकारात्मक बदलाव का श्रेय देते हैं। व्यक्तिगत अनुभव और वास्तविक साक्ष्य ऐसे तरीकों को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
गर्भ में बच्चा उल्टा हो तो सीधा कैसे करें
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चा उल्टा हो गया है तो बच्चे की स्थिति को ठीक किया जा सकता है। अब यह कोशिश कितनी सफल होगी, ये इस बात पर निर्भर करती है कि ब्रीच प्रेग्नेंसी का कारण क्या है।
गर्भ में बच्चा उल्टा होने की स्थिति में अगर आप ऑपरेशन नहीं करवाना चाहती हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें और इस मामले में किसी भी तरह की जिद करना सही बात नहीं है।
हालांकि, कुछ माओं ने यह दावा किया है कि एसेंशियल ऑयल जैसे कि पुदीने के तेल से पेट की मालिश करने से बच्चा खुद ही गर्भ में घूमकर सही स्थिति में आ जाता है।
एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल से पहले गर्भवती महिला को डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए क्योंकि सभी एसेंशियल ऑयल प्रेग्नेंसी में सुरक्षित नहीं होते हैं।
इसके अलावा ब्रीच प्रेग्नेंसी में कुछ व्यायाम और पोजीशन भी बच्चे को सही स्थिति में लाने में मदद करते हैं। इसमें लिफ्ट की जगह सीढियों का इस्तेमाल करने से भी फायदा हो सकता है।
उल्टा बच्चा होने के नुकसान
उल्टा बच्चा होने के कई नुकसान हो सकते हैं हालाँकि आधुनिक चिकित्सा में यह बेहद आम हैं। इस समस्या में कुछ नुकसान हैं जैसे:
- नार्मल डिलीवरी की जगह सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती हैं।
- अगर उलटे बच्चे का नार्मल डिलीवरी कराया जाएँ तो इससे बच्चे का birth कैनाल में फंसने का खतरा रहता हैं।
- बीना प्रशिक्षित गयनोक्लौजिस्ट के इस स्थिति में प्रसव खतरनाक हो सकता हैं।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि उल्टा बच्चा पैदा होने के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहा शिशु अपना पोजीशन बदलता रहता है। जिनमे से अधिकांश बच्चों का सिर नीचे की ओर आ जाता है, इसे सामान्य अवस्था माना जाता है।
लेकिन 100 में से 3-4 % बच्चे ऐसे होते हैं जिनका सिर नीचे की ओर नहीं आता है तो उसे उल्टा माना जाता है। उल्टा बच्चा होने पर नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन डिलीवरी की जाती है।